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ज़ुबिन गर्ग की मौत: असम से लेकर पूरे भारत में शोक, उठे सवाल

byaditya1h agoभारत
ज़ुबिन गर्ग की मौत: असम से लेकर पूरे भारत में शोक, उठे सवाल

असम की आत्मा कहे जाने वाले गायक ज़ुबिन गर्ग अब हमारे बीच नहीं रहे। सिंगापुर में अचानक हुई मौत ने उनके चाहने वालों को गहरे सदमे में डाल दिया है। पूरे राज्य में मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि दी जा रही है और सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई है।

सिंगापुर से आई रिपोर्ट

सिंगापुर पुलिस ने पुष्टि की है कि शुरुआती जांच में मौत को प्राकृतिक कारणों से जोड़ा गया है। हालांकि, पूरी ऑटोप्सी रिपोर्ट भारत को सौंप दी गई है और जांच जारी है। पुलिस ने साफ कहा है कि फैली हुई अफवाहें और वायरल वीडियो परिवार की तकलीफ बढ़ा रहे हैं।

एक अधिकारी ने मीडिया से कहा:

“हम भारत सरकार के साथ मिलकर पारदर्शी जांच कर रहे हैं। जनता से गुज़ारिश है कि अपुष्ट खबरों पर भरोसा न करें।”

सुप्रीम कोर्ट में याचिका

इस मामले का कानूनी पहलू भी सामने आया है। असम के एक त्योहार आयोजक ने सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा की मांग की है। उनका आरोप है कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं और उनकी जान को खतरा है। कोर्ट में जल्द सुनवाई हो सकती है।

उधर, पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। इनमें से एक गर्ग का करीबी बैंडमेट भी बताया गया है। हालांकि बाद में दोनों को रिहा कर दिया गया।

असम में फैन्स का ग़म

गुवाहाटी, जोरहाट और डिब्रूगढ़ की गलियों में ज़ुबिन के गाने गूंज रहे हैं। लोग मोमबत्तियां जलाकर कह रहे हैं – “वो सिर्फ गायक नहीं, हमारी पहचान थे।”

एक छात्रा ने भावुक होकर कहा:

“उनकी आवाज़ में असम की मिट्टी और नदी की गूंज थी। अब वो आवाज़ सिर्फ यादों में ही रह जाएगी।”

संगीत से परे एक प्रतीक

ज़ुबिन गर्ग की सबसे बड़ी ताकत यह थी कि उन्होंने धर्म और भाषा से ऊपर उठकर सबको जोड़ा। चाहे असमी हों, बंगाली हों या हिंदी बोलने वाले – हर वर्ग ने उन्हें अपनाया।

उनकी मौत ने साबित कर दिया कि कला ही वह ताकत है जो समाज को जोड़ सकती है। राजनीति और धर्म चाहे कितनी भी दूरियां बनाए, संगीत हमेशा पुल बनाता है।

सिंगापुर पुलिस की कार्रवाई

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने गर्ग के करीबी दो लोगों को इसलिए पकड़ा था ताकि मौत की परिस्थितियों की पूरी जांच हो सके। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। अधिकारियों ने साफ किया कि यह सिर्फ प्रक्रिया का हिस्सा था।

आगे क्या होगा?

भारत सरकार ने कहा है कि वह सिंगापुर से पूरी जांच रिपोर्ट आने का इंतजार करेगी। वहीं असम सरकार ने फैन्स को भरोसा दिलाया है कि सच्चाई सामने लाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई भी इस मामले को नई दिशा दे सकती है।

निष्कर्ष

ज़ुबिन गर्ग का जाना सिर्फ एक कलाकार की मौत नहीं है, यह असम और पूरे भारत के लिए संस्कृति का बड़ा नुकसान है। सवाल अभी बाकी हैं – क्या ये मौत पूरी तरह प्राकृतिक थी या इसके पीछे कुछ और? जवाब आने में समय लगेगा, लेकिन इतना तय है कि ज़ुबिन की आवाज़ आने वाले दशकों तक असम की धड़कनों में जीवित रहेगी।