← हिंदी समाचार पर वापस जाएं

पुणे पुलिस कमिश्नर का सख्त ऐलान – शहर के अपराध जगत की ‘जड़ से सफाई’ होगी

byaditya19h agoभारत
पुणे पुलिस कमिश्नर का सख्त ऐलान – शहर के अपराध जगत की ‘जड़ से सफाई’ होगी

पुणे में अपराध पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की तैयारी

पुणे में अपराध की जड़ें जितनी गहरी होती जा रही थीं, अब पुलिस का रुख उतना ही आक्रामक होता दिख रहा है। शहर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने साफ कहा है कि पुणे की सड़कों से संगठित अपराध और गुंडागर्दी को पूरी तरह मिटा दिया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि चाहे अपराधी कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, अब किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

कमिश्नर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल के महीनों में शहर में कुछ गंभीर घटनाएं सामने आई थीं — जिनमें सुपारी किलिंग, अवैध उगाही और नशे के कारोबार से जुड़े केस शामिल हैं।

“अब कोई बच नहीं पाएगा” – पुलिस कमिश्नर की सख्त चेतावनी

अमितेश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “पुणे में अब अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। हमने तय किया है कि शहर के हर उस तंत्र को खत्म किया जाएगा जो अपराध को बढ़ावा देता है। चाहे वह गैंग हो, सप्लायर हो या कोई राजनीतिक या आर्थिक संरक्षण देने वाला व्यक्ति — सभी पर कार्रवाई होगी।”

उन्होंने बताया कि पुलिस ने पहले ही शहर के सक्रिय गैंगस्टर्स और उनके नेटवर्क की पहचान कर ली है। इन पर निगरानी रखी जा रही है और कई पर कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस अभियान को ‘ऑपरेशन क्लीन सिटी’ नाम दिया गया है। इसके तहत पुणे के हर पुलिस जोन में स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जा रही है, जो संगठित अपराध पर सीधे वार करेगी।

हाल की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता

पिछले कुछ महीनों में पुणे में कई ऐसी घटनाएं हुईं जिन्होंने पुलिस और प्रशासन दोनों को झकझोर दिया। खासकर किरकटवाड़ी, वडगांव और हिंजवडी इलाके में गैंगवार और गोलीबारी जैसी घटनाओं ने यह संकेत दिया कि अपराधी नेटवर्क फिर से सक्रिय हो रहे हैं।

पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि कुछ पुराने अपराधी जेल से बाहर आने के बाद फिर से अपने नेटवर्क को मजबूत करने में जुटे थे। इनमें से कुछ लोग बिल्डर माफिया और रियल एस्टेट से भी जुड़े थे।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “अमितेश कुमार के आने के बाद पुलिस का रुख पूरी तरह बदल गया है। अब हर थाने को सख्त लक्ष्य दिया गया है कि अपने इलाके में अपराधियों की पहचान कर तुरंत एक्शन लिया जाए।”

अपराधियों की ‘लाइफलाइन’ पर प्रहार

पुलिस अब सिर्फ अपराधियों को गिरफ्तार करने पर नहीं, बल्कि उनके आर्थिक नेटवर्क को तोड़ने पर ध्यान दे रही है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जो लोग इन गैंग्स को पैसा या लॉजिस्टिक सपोर्ट देते हैं, उन पर भी कार्रवाई होगी।

सूत्रों के अनुसार, कुछ कारोबारी और बिल्डर ऐसे हैं जिनके खिलाफ पुलिस को पुख्ता सबूत मिले हैं कि वे अपराधियों को फंडिंग कर रहे थे। आने वाले हफ्तों में इन पर कार्रवाई की जा सकती है।

पुलिस अब बैंक ट्रांजैक्शन, प्रॉपर्टी डील्स और ब्लैकमनी के ट्रैक पर भी नजर रख रही है। साथ ही, नारकोटिक्स डिवीजन को निर्देश दिया गया है कि ड्रग नेटवर्क से जुड़े लोगों की फंडिंग चेन की जांच की जाए।

जनता से भी सहयोग की अपील

कमिश्नर ने कहा कि इस अभियान में आम नागरिकों की भूमिका भी बहुत अहम होगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।

“हम चाहते हैं कि लोग डरें नहीं, बल्कि पुलिस का साथ दें। अपराध खत्म करने का काम तभी सफल होगा जब जनता हमारे साथ खड़ी होगी,” उन्होंने कहा।

इसके लिए पुलिस ने 24×7 हेल्पलाइन नंबर और एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया है, जहां गुमनाम तरीके से शिकायत दर्ज की जा सकती है।

राजनीतिक दबाव के बावजूद सख्त रुख

कई बार देखा गया है कि अपराधियों को स्थानीय स्तर पर राजनीतिक संरक्षण मिल जाता है, जिससे कार्रवाई मुश्किल हो जाती है। लेकिन इस बार कमिश्नर ने साफ किया कि किसी भी दबाव या सिफारिश को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

एक अधिकारी के शब्दों में, “अब यह साफ हो गया है कि अपराधियों से कोई समझौता नहीं होगा। चाहे किसी का कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो, अगर कानून तोड़ा गया तो कार्रवाई तय है।”

भविष्य की दिशा

पुणे पुलिस अब ‘स्मार्ट सर्विलांस’ सिस्टम पर काम कर रही है। शहर में नए सीसीटीवी नेटवर्क और ड्रोन यूनिट तैनात किए जाएंगे, ताकि अपराध की शुरुआती हरकत पर ही नजर रखी जा सके।

साथ ही, पुलिस कर्मियों के लिए एक विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू किया गया है जिसमें साइबर क्राइम और इंटर-गैंग इंटेलिजेंस पर जोर दिया जाएगा।

अधिकारियों का मानना है कि अगर ये कदम सफल रहे, तो आने वाले महीनों में पुणे की अपराध दर में 40 प्रतिशत तक की गिरावट देखी जा सकती है।

निष्कर्ष

पुणे पुलिस का यह सख्त रुख शहर के अपराध जगत के लिए किसी चेतावनी से कम नहीं है। वर्षों से बने गैंग नेटवर्क और उनके राजनीतिक-सामाजिक रिश्तों को तोड़ना आसान नहीं होगा, लेकिन पुलिस का यह अभियान साफ संकेत देता है कि अब पुणे अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना नहीं रहेगा।

शहरवासी अब उम्मीद कर रहे हैं कि यह “सफाई अभियान” सिर्फ बयानबाजी तक न रहे, बल्कि सच में पुणे को एक सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो।