
Bombay High Court ने Vijay Gajera का X अकाउंट ब्लॉक करने का आदेश दिया
मुंबई के Bombay High Court ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है जिसने सोशल मीडिया जगत में हलचल मचा दी है। अदालत ने लोकप्रिय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर Vijay Gajera के X (पूर्व में Twitter) अकाउंट को भारत में ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। यह आदेश Malabar Gold & Diamonds की तरफ से दायर मानहानि याचिका के बाद जारी किया गया।
Malabar Gold ने 29 सितंबर को अदालत में याचिका दायर करते हुए कहा था कि Vijay Gajera ने उनके ब्रांड और प्रमोशनल गतिविधियों के खिलाफ झूठे और भ्रामक आरोप लगाए। खासकर तब जब कंपनी ने पाकिस्तानी इन्फ्लुएंसर Alishba Khalid के साथ एक ब्रांड कैंपेन किया, जिसे लेकर भारत में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
विवाद की शुरुआत कहां से हुई
इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब सोशल मीडिया पर Vijay Gajera ने Alishba Khalid की पुरानी पोस्ट साझा करते हुए यह आरोप लगाया कि Malabar Gold ने एक ऐसी शख्सियत के साथ सहयोग किया जिसने Operation Sindoor के दौरान भारतीय सैनिकों का मजाक उड़ाया था।
उनके ट्वीट्स और थ्रेड्स ने कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर आग लगा दी। X पर #BoycottMalabarGold ट्रेंड करने लगा और Dhanteras के पहले ही ब्रांड की छवि पर असर पड़ने लगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ट्रेंड को 3 लाख से ज्यादा यूजर एंगेजमेंट मिले, और कई इन्फ्लुएंसरों ने इस अभियान में हिस्सा लिया।
Malabar Gold की तरफ से कानूनी कार्रवाई
कंपनी ने अदालत में दलील दी कि Gajera के ट्वीट्स “फर्जी जानकारी और भड़काऊ शब्दों” से भरे हुए थे जिनका मकसद कंपनी की साख को नुकसान पहुंचाना था। इसके जवाब में अदालत ने एक ad-interim injunction जारी करते हुए X को आदेश दिया कि वह Gajera का अकाउंट भारत में अस्थायी रूप से ब्लॉक करे और उनके विवादित 442 URLs को हटाए।
कंपनी की तरफ से वकीलों ने कहा,
“हम अभिव्यक्ति की आज़ादी का सम्मान करते हैं, लेकिन किसी की स्वतंत्रता किसी दूसरे की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की अनुमति नहीं देती।”
फ्री स्पीच पर उठे सवाल
इस आदेश के बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस छिड़ गई है। कई उपयोगकर्ताओं और डिजिटल राइट्स एक्टिविस्ट्स ने इसे फ्री स्पीच के खिलाफ कदम बताया है। उनका कहना है कि अदालतों को ऐसे मामलों में संतुलन बनाकर चलना चाहिए ताकि सोशल मीडिया पर आलोचना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनी रहे।
एक यूजर ने लिखा,
“अगर एक ब्रांड की आलोचना करने पर अकाउंट ही ब्लॉक कर दिया जाए तो फिर लोकतंत्र का क्या मतलब रह जाएगा?”
इसी बीच, Vijay Gajera के समर्थकों ने Minister Ashwini Vaishnaw और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि अदालत के इस आदेश से एक ऐसा उदाहरण बन सकता है जिससे भविष्य में कई आवाजें दबाई जा सकती हैं।
Operation Sindoor और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
Operation Sindoor, जो हाल ही में भारतीय सेना का एक बड़ा मिशन था, उसके प्रति Alishba Khalid के पुराने वीडियो ने भारत में गुस्सा भड़का दिया था। ऐसे में जब Malabar Gold ने उनके साथ प्रमोशन किया, तो कई लोगों ने इसे “भारत विरोधी मानसिकता” से जोड़कर देखा।
Gajera ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था कि “भारत में कारोबार करने वाली कंपनी को कम से कम यह देखना चाहिए कि वे किसके साथ सहयोग कर रही हैं।” हालांकि, अब उनके यही शब्द उनके खिलाफ कानूनी मुसीबत का कारण बन गए हैं।
भविष्य की दिशा और डिजिटल अभिव्यक्ति पर असर
यह मामला सिर्फ एक ब्रांड बनाम इन्फ्लुएंसर विवाद नहीं रह गया है। यह अब भारत में ऑनलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानूनी नियंत्रण पर बड़ी बहस को जन्म दे रहा है।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में ऐसे कई केस बढ़ सकते हैं जहां बड़ी कंपनियां ब्रांड छवि की रक्षा के लिए कोर्ट का सहारा लेंगी। वहीं, कुछ डिजिटल एक्टिविस्ट्स का कहना है कि यह रुझान पत्रकारिता और सोशल मीडिया स्वतंत्रता के लिए खतरा साबित हो सकता है।
एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा,
“अब सवाल यह नहीं है कि Vijay Gajera ने क्या कहा, बल्कि यह है कि क्या हमें कहने का अधिकार है या नहीं।”
निष्कर्ष
Bombay High Court का यह फैसला एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। एक तरफ जहां ब्रांड प्रतिष्ठा की रक्षा जरूरी है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आज़ादी का संतुलन बनाए रखना भी उतना ही अहम है।
Dhanteras के दौरान यह विवाद और भी गर्मा गया है क्योंकि लोग अब केवल सोने-चांदी की नहीं, बल्कि सच्चाई की कीमत पर भी चर्चा कर रहे हैं।