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अमित शाह ने अपनाया भारतीय Zoho Mail, ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को दी नई रफ्तार

byaditya2h agoभारत
अमित शाह ने अपनाया भारतीय Zoho Mail, ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को दी नई रफ्तार

नई दिल्ली — देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को यह घोषणा की कि उन्होंने अपने आधिकारिक ईमेल के लिए अब भारतीय प्लेटफॉर्म Zoho Mail को अपनाया है। यह कदम न केवल ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को बल देता है बल्कि डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश भी भेजता है।

अमित शाह ने अपने नए मेल पते की जानकारी देते हुए कहा, “मैंने अब भारतीय Zoho Mail का उपयोग शुरू कर दिया है। कृपया भविष्य में सभी मेल इसी पते पर भेजें।” इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा छिड़ गई — आखिर एक केंद्रीय मंत्री का विदेशी सेवा से हटकर घरेलू टेक प्लेटफॉर्म की ओर जाना एक बड़ा प्रतीकात्मक बदलाव माना जा रहा है।

Zoho Mail: भारत में बना, भारत के लिए

Zoho Corporation चेन्नई स्थित एक भारतीय टेक कंपनी है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। कंपनी पहले से ही सरकारी और निजी क्षेत्रों में डेटा सुरक्षा और लोकल होस्टिंग के लिए जानी जाती है।

Zoho के प्रवक्ता ने कहा, “अमित शाह जैसे राष्ट्रीय नेता का हमारे प्लेटफॉर्म पर भरोसा जताना हमारे लिए गर्व की बात है। यह दिखाता है कि भारतीय टेक्नोलॉजी अब किसी से कम नहीं।”

Zoho Mail अपने मजबूत सुरक्षा फीचर्स और पूर्णतः भारत में होस्टेड सर्वर इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण खासा लोकप्रिय है। कंपनी का दावा है कि उनका डेटा किसी विदेशी क्लाउड पर नहीं जाता, जिससे सरकारी संवाद पूरी तरह सुरक्षित रहता है।

राज्यों में भी तेजी से अपनाया जा रहा है Zoho Mail

अमित शाह के इस कदम के बाद कई राज्यों के नेता भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और नागालैंड के मंत्री तेमजेन इम्ना अलोंग ने भी Zoho Mail को अपनाने की घोषणा की है।

इन नेताओं का कहना है कि देश को डिजिटल संप्रभुता की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, और Zoho जैसे प्लेटफॉर्म इस यात्रा में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

एक अधिकारी ने बताया, “यह केवल ईमेल बदलने की बात नहीं है, यह डेटा सुरक्षा, भरोसे और भारतीय तकनीकी क्षमता पर विश्वास का संकेत है।”

Make in India की भावना को नई दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के बाद कई सरकारी विभाग और संस्थान अब स्वदेशी तकनीक को प्राथमिकता दे रहे हैं। Zoho Mail का उपयोग बढ़ना इस नीति की सफलता को दर्शाता है।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “जब देश के शीर्ष नेता खुद भारतीय प्लेटफॉर्म का उपयोग करेंगे, तो यह स्वाभाविक है कि अन्य विभाग भी इस दिशा में कदम बढ़ाएंगे।”

Zoho के अलावा, भारत में कुछ और कंपनियां भी सरकारी उपयोग के लिए सुरक्षित ईमेल सेवाएं विकसित कर रही हैं, लेकिन Zoho का व्यापक अनुभव और स्थिर इंफ्रास्ट्रक्चर इसे खास बनाता है।

डिजिटल स्वतंत्रता की ओर एक प्रतीकात्मक कदम

तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, अमित शाह का यह निर्णय केवल एक टेक्निकल शिफ्ट नहीं बल्कि रणनीतिक संकेत है। यह बताता है कि भारत अब विदेशी सॉफ्टवेयर पर निर्भर रहने के बजाय अपने घरेलू समाधानों को प्राथमिकता देना चाहता है।

डेटा गोपनीयता के दौर में, जहां वैश्विक प्लेटफॉर्मों पर डेटा सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं, Zoho जैसी भारतीय कंपनियों का उभरना एक सकारात्मक संकेत है।

दिल्ली के साइबर विशेषज्ञ राहुल बंसल का कहना है, “गृह मंत्रालय जैसी संवेदनशील संस्थाओं में यदि भारतीय ईमेल सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ता है, तो यह हमारे डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत करेगा और विदेशी निर्भरता को कम करेगा।”

आगे क्या हो सकता है

विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले महीनों में कई और सरकारी विभाग Zoho Mail जैसे स्वदेशी विकल्पों को अपनाने की दिशा में कदम उठा सकते हैं। इससे न केवल डेटा सुरक्षा बेहतर होगी बल्कि भारतीय टेक सेक्टर को भी नई गति मिलेगी।

अमित शाह का यह कदम संभवतः अन्य मंत्रियों और केंद्रीय एजेंसियों को भी प्रेरित करेगा। अगर यही रफ्तार जारी रही तो भारत जल्द ही ईमेल सेवाओं में भी आत्मनिर्भरता हासिल कर सकता है — ठीक वैसे ही जैसे उसने UPI और आधार में किया।