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रोहित शर्मा का नया फिटनेस अवतार! CEAT अवॉर्ड्स में चमके, बोले चैंपियंस ट्रॉफी जीत ने सब बदल दिया

byaditya4h agoखेल
रोहित शर्मा का नया फिटनेस अवतार! CEAT अवॉर्ड्स में चमके, बोले चैंपियंस ट्रॉफी जीत ने सब बदल दिया

मुंबई में हुए 27वें CEAT क्रिकेट रेटिंग अवॉर्ड्स 2025 में जब टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा मंच पर पहुंचे तो पूरा हॉल तालियों की गूंज से भर गया। हर कोई उनके नए लुक को देखकर हैरान रह गया। उनका पतला चेहरा, टोंड शरीर और आत्मविश्वास से भरी चाल साफ दिखा रही थी कि उन्होंने खुद पर कितनी मेहनत की है।

पिछले कुछ महीनों से उनकी फिटनेस पर लगातार चर्चा हो रही थी और अब सबको जवाब मिल गया। एनसीए (National Cricket Academy) में की गई ट्रेनिंग का असर उनके व्यक्तित्व पर साफ नजर आ रहा था।

उन्हें इस अवॉर्ड समारोह में भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर और वेंकटेश प्रसाद ने सम्मानित किया। यह पुरस्कार उन्हें 2025 ICC चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को अपराजित चैंपियन बनाने के लिए दिया गया। इस टूर्नामेंट में रोहित ने 385 रन बनाए जिनमें सेमीफाइनल का शानदार शतक भी शामिल था।

"हमने हार से सीखा और खुद को बेहतर बनाया"

पुरस्कार लेते हुए रोहित शर्मा ने मंच पर कहा,

"2023 वर्ल्ड कप फाइनल की हार हम सबके लिए एक कठिन पल था। लेकिन उस हार ने हमें सिखाया कि असली जीत स्कोरबोर्ड पर नहीं बल्कि मानसिक मजबूती में होती है। हमने उस हार से सीखा और खुद को फिर से खड़ा किया।"

यह सुनकर पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। उनके शब्दों में एक सच्चे कप्तान की झलक थी। उन्होंने बताया कि टीम ने अपनी गलतियों पर काम किया और हर खिलाड़ी ने खुद में सुधार लाने की ठानी।

"चैंपियंस ट्रॉफी सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं था बल्कि एक मौका था खुद को दोबारा साबित करने का। हमने अपनी टीम की ताकत और एकजुटता से यह खिताब जीता।"

फिटनेस पर नया फोकस

पिछले कुछ महीनों में रोहित शर्मा ने अपनी फिटनेस पर जिस तरह काम किया है वह पूरे क्रिकेट जगत के लिए प्रेरणा बन गया है। अब वह पहले से हल्के और तेज दिखते हैं। एनसीए में उन्होंने स्ट्रिक्ट डाइट और हाई-इंटेंसिटी ट्रेनिंग से खुद को पूरी तरह ट्रांसफॉर्म कर लिया है।

करीबी सूत्रों के अनुसार, रोहित रोज सुबह पांच बजे उठकर कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करते हैं। उनकी डाइट में अब हेल्दी फूड, सलाद, प्रोटीन और फाइबर शामिल है। चीनी और प्रोसेस्ड फूड उन्होंने पूरी तरह छोड़ दिए हैं।

उनके ट्रेनर ने बताया,

"रोहित ने सिर्फ शरीर नहीं बदला, उन्होंने अपनी सोच भी बदली है। अब वह पहले से ज्यादा अनुशासित और आत्मविश्वासी हैं।"

इस नई फिटनेस का असर उनके खेल में भी साफ दिखा। चैंपियंस ट्रॉफी में उनकी बल्लेबाजी पहले से ज्यादा संतुलित और आक्रामक लगी। हर शॉट में नियंत्रण और आत्मविश्वास दिखा।

मैदान के बाहर भी एक सच्चा लीडर

रोहित शर्मा को उनकी कप्तानी के लिए हमेशा सराहा गया है। वे अपने खिलाड़ियों के साथ एक परिवार जैसा व्यवहार करते हैं। एक युवा खिलाड़ी ने कहा,

"रोहित भाई हमेशा सभी से अलग-अलग बात करते हैं। वो हमें सिर्फ खिलाड़ी नहीं बल्कि जिम्मेदारी का एहसास कराते हैं। यही चीज हमें और बेहतर बनने की प्रेरणा देती है।"

चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने बिना एक भी हार के खिताब जीता। यह सिर्फ रणनीति की जीत नहीं थी बल्कि एक मजबूत टीम मानसिकता की मिसाल थी। हर खिलाड़ी अपने कप्तान पर भरोसा करता है और यही भरोसा टीम इंडिया को अपराजित बनाए रखता है।

CEAT अवॉर्ड्स की शाम गर्व का पल

इस साल के CEAT अवॉर्ड्स सिर्फ एक समारोह नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट के पुनर्जन्म का प्रतीक बन गए। जब रोहित ट्रॉफी लेने मंच पर पहुंचे तो दर्शक दीर्घा में लोग खड़े होकर तालियां बजाने लगे।

गावस्कर ने कहा,

"रोहित सिर्फ एक कप्तान नहीं बल्कि उस जज़्बे का चेहरा हैं जिसने भारतीय क्रिकेट को फिर से शीर्ष पर पहुंचाया।"

इस पर मुस्कुराते हुए रोहित ने जवाब दिया,

"हमारी टीम अब पहले से ज्यादा बैलेंस्ड और आत्मविश्वासी है। हमें पता है कि आगे का सफर मुश्किल होगा लेकिन हम तैयार हैं।"

आगे की चुनौती

रोहित ने इस मौके पर कहा कि टीम अब पूरी तरह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आने वाली वनडे सीरीज़ पर फोकस कर रही है।

"ऑस्ट्रेलिया में खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। वहां की पिचें अलग होती हैं लेकिन हमारी टीम अब पहले से ज्यादा तैयार है। हमारा लक्ष्य सिर्फ सीरीज़ जीतना नहीं बल्कि एक मजबूत बयान देना है।"

उनकी बातों में आत्मविश्वास झलक रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि टीम इंडिया अब सिर्फ ट्रॉफी के लिए नहीं बल्कि निरंतरता के लिए खेलती है।

निष्कर्ष

रोहित शर्मा का फिटनेस ट्रांसफॉर्मेशन और उनकी कप्तानी दोनों ने भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर मन में लगन और शरीर में अनुशासन हो तो कोई भी हार स्थायी नहीं होती।

उनका यह सफर 2023 की निराशा से 2025 की चमकदार जीत तक सिर्फ क्रिकेट नहीं बल्कि इंसानी जज़्बे की कहानी है।

रोहित शर्मा अब सिर्फ "हिटमैन" नहीं रहे। वे उस खिलाड़ी का प्रतीक बन गए हैं जो हर हार को अपनी ताकत में बदल देता है।

उनकी मुस्कान में वही आत्मविश्वास है जो हर भारतीय फैन को गर्व से भर देता है।

और यही कारण है कि जब वे मंच पर ट्रॉफी थामते हैं तो पूरा देश उनके साथ जीत का जश्न मनाता है।

"जीत मैदान पर नहीं, दिमाग और दिल में बनती है"

रोहित की यह बात आज हर उस इंसान पर लागू होती है जो हार के बाद दोबारा उठने की हिम्मत रखता है।