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भारत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए नई वनडे टीम घोषित की, शुभमन गिल बने कप्तान, रोहित-कोहली की वापसी

byaditya2h agoखेल
भारत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए नई वनडे टीम घोषित की, शुभमन गिल बने कप्तान, रोहित-कोहली की वापसी

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए अपनी वनडे और टी20 टीमों की घोषणा कर दी है।

इस बार चयन में सबसे बड़ा सरप्राइज़ आया है — युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को वनडे टीम की कप्तानी (Captaincy) सौंप दी गई है।

वहीं रोहित शर्मा अब इस फॉर्मेट में कप्तान नहीं रहेंगे।

यह बदलाव भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है।

जिस दौर में रोहित-कोहली की जोड़ी ने भारत को कई जीत दिलाई, वही अब एक युवा नेता के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है।

🇮🇳 नई जिम्मेदारी, नया भरोसा

बीसीसीआई ने साफ किया है कि अब तीनों फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान रखना “प्रैक्टिकली पॉसिबल” नहीं है।

इसलिए शुभमन गिल को वनडे की कमान देकर एक ही कप्तानी लाइनअप बनाने का फैसला किया गया है।

मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने कहा,

“गिल ने पिछले कुछ महीनों में बल्ले और दिमाग दोनों से परिपक्वता दिखाई है।

हमें लगा कि यही सही वक्त है उन्हें लीडरशिप की जिम्मेदारी देने का।”

गिल पहले से ही टेस्ट टीम के कप्तान हैं और अब वनडे में भी उन्हें कमान दी गई है —

यह भरोसा दिखाता है कि बोर्ड उन्हें आने वाले वर्ल्ड कप के लिए ‘लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट’ के रूप में देख रहा है।

🏏 रोहित और कोहली की वापसी, लेकिन रोल बदला

टीम में रोहित शर्मा और विराट कोहली दोनों की वापसी हुई है,

लेकिन इस बार उनका रोल ‘मेंटॉर’ जैसा रहेगा, न कि ‘लीडर’ वाला।

टीम के एक अधिकारी ने बताया,

“रोहित और विराट का अनुभव टीम के लिए जरूरी है,

लेकिन अब हमें नए चेहरों को आगे बढ़ाना है।”

मतलब साफ है — गिल कप्तानी के रूप में भविष्य हैं,

और रोहित-कोहली अब टीम के ‘गाइड’ की भूमिका निभाएंगे।

जडेजा और शमी टीम से बाहर — क्या खत्म हुआ सफर?

इस बार टीम से बाहर रखे गए दो दिग्गज नामों ने फैंस को चौंका दिया —

रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी

जडेजा को बाहर रखने की वजह बताई गई है “टीम बैलेंस और नई रणनीति”,

जबकि शमी को फिटनेस और workload management के चलते नहीं चुना गया है।

अगरकर ने कहा,

“जडेजा हमारे लिए बेहद अहम खिलाड़ी हैं,

लेकिन इस दौरे में हम युवा ऑलराउंडर्स को देखना चाहते हैं।”

क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये दोनों खिलाड़ी अब टीम इंडिया की “ट्रांजिशन लिस्ट” में आ चुके हैं —

मतलब, धीरे-धीरे नए खिलाड़ियों को उनकी जगह पर तैयार किया जा रहा है।

नए चेहरे, नई उम्मीदें

इस टीम में कई युवा खिलाड़ियों को मौका मिला है —

यशस्वी जायसवाल, ऋतुराज गायकवाड़, ध्रुव जुरेल, रिंकू सिंह और हर्षित राणा जैसे खिलाड़ी स्क्वाड में शामिल हैं।

ध्रुव जुरेल को संजू सैमसन की जगह चुना गया है।

उनकी विकेटकीपिंग और फिनिशिंग क्षमता को देखकर चयनकर्ताओं ने भरोसा जताया है।

स्पिन अटैक की जिम्मेदारी कुलदीप यादव और अक्षर पटेल पर होगी,

जबकि जसप्रीत बुमराह को इस सीरीज़ में आराम दिया गया है ताकि वो अगले टेस्ट सीज़न में फिट रहें।

BCCI की रणनीति: एक स्थिर लीडरशिप

बीसीसीआई के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक,

“अब भारतीय क्रिकेट को एक ‘सिंगल विजन’ चाहिए — हर फॉर्मेट में एक स्पष्ट नेतृत्व।

गिल उस सोच का हिस्सा हैं, जो टीम को आने वाले वर्ल्ड कप तक ले जाएगी।”

यानी अब “तीन कप्तान, तीन सोच” वाला फॉर्मूला खत्म,

और एकीकृत दिशा में टीम इंडिया की शुरुआत।

ऑस्ट्रेलिया दौरा: असली परीक्षा

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ भारत के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रही है।

वहां की तेज़ और उछालभरी पिचों पर खेलना किसी भी नए कप्तान के लिए आसान नहीं होता।

लेकिन गिल ने पहले भी दिखाया है कि वह दबाव में शांत रहना जानते हैं।

उनकी टेम्परामेंट और समझदारी टीम को नई ऊर्जा दे सकती है।

पूर्व क्रिकेटर इरफ़ान पठान ने सोशल मीडिया पर लिखा —

“गिल में वो hunger और balance है जो एक अच्छे कप्तान के लिए जरूरी होता है।

यह बदलाव सही समय पर आया है।”

भविष्य का रास्ता: Experience + Youth

यह टीम एक दिलचस्प मिश्रण है —

एक तरफ अनुभव का खजाना (Rohit, Kohli),

तो दूसरी तरफ जोश से भरे नए चेहरे (Gill, Jaiswal, Rinku)।

यही मिक्स भारतीय क्रिकेट के अगले अध्याय को परिभाषित करेगा।

जडेजा और शमी जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों के लिए दरवाज़ा पूरी तरह बंद नहीं है,

लेकिन अब उन्हें वापसी के लिए domestic और IPL प्रदर्शन से साबित करना होगा।

निष्कर्ष (Conclusion)

भारत की यह नई वनडे टीम सिर्फ एक स्क्वाड नहीं, बल्कि एक “भविष्य की घोषणा” है।

Gill का कप्तान बनना बताता है कि बोर्ड अब 2027 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर टीम तैयार कर रहा है।

Rohit और Kohli का अनुभव इस टीम के लिए ‘Mentorship Pillar’ होगा,

जबकि नए खिलाड़ियों की आक्रामकता उसे नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है।

फिलहाल, यह साफ है —

भारतीय क्रिकेट अब बदलाव के मोड़ पर खड़ा है।

नया कप्तान, नई सोच और नया अध्याय शुरू हो चुका है।