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“K Ramp” ने हंसाया भी और सोचने पर भी मजबूर किया, किरन अब्बवरम की कॉमेडी फिल्म बनी चर्चा का विषय

byaditya50d agoमनोरंजन
“K Ramp” ने हंसाया भी और सोचने पर भी मजबूर किया, किरन अब्बवरम की कॉमेडी फिल्म बनी चर्चा का विषय

दिवाली के मौके पर रिलीज हुई तेलुगु फिल्म K Ramp इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है। फिल्म के हीरो किरन अब्बवरम और एक्ट्रेस युक्ति ठारेजा की जोड़ी पहली बार स्क्रीन पर दिखी और दर्शकों ने इसे एक हल्की-फुल्की फैमिली एंटरटेनर के रूप में अपनाया।

निर्देशक जैन्स नानी की यह फिल्म कॉलेज लाइफ, रोमांस और फैमिली इमोशंस का मिश्रण है, जिसमें कॉमेडी के साथ-साथ थोड़ा ड्रामा और समाज पर तंज भी है।

कहानी क्या है

फिल्म की कहानी कुमार नाम के एक बिगड़ैल अमीर लड़के के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने पिता के पैसे के दम पर इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेता है। वहां उसकी मुलाकात मर्सी नाम की लड़की से होती है, जो अपने बीते दर्दनाक अनुभवों से जूझ रही होती है। कहानी शुरू में मस्ती और कॉलेज वाले मज़ाक से चलती है लेकिन धीरे-धीरे भावनाओं का मोड़ ले लेती है।

कुमार का किरदार शुरू में लापरवाह लगता है, लेकिन मर्सी के साथ उसका रिश्ता उसे बदल देता है। दोनों के बीच के रिश्ते में हल्की-फुल्की नोंक-झोंक, रोमांस और भावनात्मक जुड़ाव है, जो फिल्म को आगे बढ़ाता है।

फिल्म के पॉज़िटिव पॉइंट्स

सबसे पहले बात करें परफॉर्मेंस की, तो किरन अब्बवरम ने इस बार कॉमेडी टाइमिंग पर खास ध्यान दिया है। उनकी एक्टिंग पहले से ज्यादा नैचुरल लगी, और कॉलेज-बॉय वाले अंदाज़ में उन्होंने दर्शकों को जोड़े रखा। वहीं युक्ति ठारेजा ने अपनी सादगी और इमोशनल एक्सप्रेशन से अच्छा असर छोड़ा है।

फिल्म का पहला हाफ काफी एंटरटेनिंग है। हल्के-फुल्के मज़ाक, फ्रेंडशिप सीन और सॉन्ग सीक्वेंस दर्शकों को हंसाते हैं। बैकग्राउंड म्यूज़िक और कैमरा वर्क में भी दिवाली वाले फेस्टिव वाइब्स झलकते हैं।

कुछ दर्शकों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “फिल्म का माहौल दिल को खुश कर देता है, थिएटर से मुस्कान लेकर निकले।”

कमज़ोरियां और खामियां

फिल्म की सबसे बड़ी दिक्कत इसकी स्क्रिप्ट में है। दूसरा हाफ काफी खिंचा हुआ लगता है और कहानी कई जगहों पर ट्रैक से भटक जाती है। कुछ जोक्स ज़रूरत से ज्यादा पुराने और डबल मीनिंग वाले लगते हैं, जो फैमिली ऑडियंस को थोड़ा असहज कर सकते हैं।

फिल्म में PTSD यानी मानसिक आघात जैसे गंभीर विषय को छूने की कोशिश की गई है, लेकिन उसे जिस हल्के ढंग से दिखाया गया, उससे कई दर्शक निराश हुए। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा कि “ऐसे विषय को मज़ाक की तरह पेश नहीं करना चाहिए था।”

दूसरा मुद्दा है फिल्म की लंबाई और एडिटिंग। लगभग ढाई घंटे की रन-टाइम में कुछ सीन को छोटा किया जा सकता था।

तकनीकी पहलू और म्यूज़िक

चैतन भारद्वाज का म्यूज़िक हल्का और रिफ्रेशिंग है। खास तौर पर गाना “चलो दीवाने” युवाओं के बीच ट्रेंड कर रहा है। सिनेमैटोग्राफी में केरल के खूबसूरत कॉलेज और सी-साइड लोकेशंस दिखाए गए हैं, जो आंखों को सुकून देते हैं।

फिल्म का रिस्पॉन्स और बॉक्स ऑफिस पर असर

पहले दिन फिल्म ने लगभग 3.8 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया, जो कि मिड-रेंज मूवी के लिए ठीक-ठाक माना जा रहा है। टियर-2 और टियर-3 शहरों में युवाओं ने इसे अच्छा रिस्पॉन्स दिया, जबकि मेट्रो सिटीज़ में ओपनिंग थोड़ी धीमी रही।

किरन अब्बवरम के फैंस के लिए यह फिल्म उनकी कमबैक कोशिश जैसी है, क्योंकि पिछले कुछ प्रोजेक्ट्स को उतनी सफलता नहीं मिली थी।

निर्देशन और स्क्रीनप्ले पर राय

डायरेक्टर जैन्स नानी ने कॉमेडी और ड्रामा दोनों को जोड़ने की कोशिश की है, लेकिन संतुलन बना नहीं पाए। कई जगह ऐसा लगा कि कहानी इमोशनल मोमेंट्स के बजाय पंचलाइंस पर ज़्यादा फोकस कर रही है। फिर भी, कुछ सीन सच्चाई से भरे हैं जो दर्शकों के दिल को छूते हैं।

ओटीटी रिलीज़ की जानकारी

फिल्म के डिजिटल राइट्स पहले ही Aha OTT ने खरीद लिए हैं। उम्मीद है कि यह फिल्म थिएटर रन खत्म होने के बाद नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम होगी।

कुल मिलाकर

अगर आप दिवाली हफ्ते में हल्की-फुल्की हंसी और रंगीन माहौल वाली फिल्म देखना चाहते हैं, तो K Ramp एक बार जरूर देखी जा सकती है। इसमें बड़े संदेश नहीं हैं, लेकिन छोटे-छोटे पल हैं जो दिल को छू जाते हैं।

रेटिंग: ⭐⭐⭐ (5 में से 3 स्टार)

फिल्म में मनोरंजन है, संगीत है, त्योहार का रंग है, और किरन अब्बवरम की मेहनत भी साफ झलकती है। हालांकि अगर कहानी में थोड़ी गहराई और कॉमेडी में थोड़ी परिपक्वता होती, तो यह फिल्म साल की बेस्ट एंटरटेनर बन सकती थी।