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भारत बनेगा AI और सेमीकंडक्टर पावरहाउस, मोदी और Qualcomm सीईओ की मीटिंग में बना रोडमैप

byaditya4h agoतकनीक
भारत बनेगा AI और सेमीकंडक्टर पावरहाउस, मोदी और Qualcomm सीईओ की मीटिंग में बना रोडमैप

मोदी और Qualcomm सीईओ की मुलाकात से भारत में AI क्रांति की तैयारी शुरू

नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 11 अक्टूबर 2025 को अमेरिकी चिप निर्माण दिग्गज Qualcomm के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टियानो अमोन से मुलाकात की।

यह बैठक केवल एक सामान्य शिष्टाचार मुलाकात नहीं थी, बल्कि भारत के तकनीकी भविष्य की दिशा तय करने वाला एक अहम कदम साबित हुई। दोनों नेताओं ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), सेमीकंडक्टर निर्माण, और उद्यमिता में नवाचार जैसे विषयों पर गहन चर्चा की।


भारत और Qualcomm की साझेदारी क्यों महत्वपूर्ण है

भारत इस समय दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती डिजिटल अर्थव्यवस्था में से एक है। मोबाइल निर्माण, डिजिटल भुगतान, और स्टार्टअप इकोसिस्टम में भारत पहले ही बड़ी छलांग लगा चुका है। अब सरकार की अगली प्राथमिकता है कि भारत को ग्लोबल AI हब और चिप निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित किया जाए।

Qualcomm, जो पहले से ही भारत में अपने 20 से अधिक अनुसंधान एवं विकास (R&D) केंद्र चला रही है, इस दिशा में एक स्वाभाविक साझेदार बन गई है।

कंपनी के सीईओ अमोन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत में प्रतिभा और नवाचार दोनों मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि Qualcomm भारतीय युवाओं और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर ऐसे AI समाधान तैयार करना चाहती है जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में उपयोगी हों।


बैठक में किन विषयों पर चर्चा हुई

सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान कई प्रमुख मुद्दों पर विचार हुआ।

पहला विषय था सेमीकंडक्टर विनिर्माण यानी चिप निर्माण को भारत में आगे बढ़ाने की दिशा। भारत ने हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य तय किया है, और Qualcomm जैसी वैश्विक कंपनी से सहयोग मिलने पर यह लक्ष्य तेजी से पूरा हो सकता है।

दूसरा मुद्दा था AI और मशीन लर्निंग के प्रयोग। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि भारत की बड़ी जनसंख्या और डेटा क्षमता का उपयोग AI मॉडल्स के प्रशिक्षण में किया जा सकता है।

Qualcomm ने अपने कई प्रोसेसरों और डिवाइस चिप्स में ऑन-डिवाइस AI प्रोसेसिंग शामिल की है, जिससे स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल और IoT उत्पादों को और अधिक बुद्धिमान बनाया जा सके।

तीसरा विषय था स्टार्टअप सहयोग। Qualcomm ने भारत में पहले भी कई टेक स्टार्टअप्स में निवेश किया है और अब वह AI, Robotics, और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने की योजना बना रही है।


सेमीकंडक्टर मिशन पर आगे बढ़ने का अवसर

भारत का सेमीकंडक्टर मिशन मोदी सरकार की उन योजनाओं में से है जो लंबे समय तक देश की आर्थिक दिशा तय कर सकती हैं। इस मिशन का मकसद है कि भारत अपनी घरेलू चिप उत्पादन क्षमता विकसित करे ताकि विदेशी निर्भरता कम की जा सके।

इससे न केवल रोज़गार के नए अवसर बनेंगे बल्कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की लागत भी घटेगी।

Qualcomm जैसी कंपनियों के आने से भारत को तकनीकी विशेषज्ञता, वैश्विक बाजार तक पहुंच और निवेश दोनों मिलेंगे।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार और उद्योग मिलकर इस दिशा में काम करें तो आने वाले 5 सालों में भारत एशिया का प्रमुख चिप निर्माण हब बन सकता है।


कृत्रिम बुद्धिमत्ता में भारत की भूमिका

AI अब सिर्फ एक तकनीक नहीं रही बल्कि यह आने वाले दशक की सबसे बड़ी औद्योगिक क्रांति मानी जा रही है।

मोदी और अमोन दोनों ने माना कि भारत के पास वह डेटा संसाधन और जनशक्ति है जो इस क्रांति को आगे बढ़ा सकती है।

सरकार पहले ही “India AI Mission” जैसी योजनाएँ शुरू कर चुकी है जिनका मकसद है शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सेवाओं में AI का बेहतर इस्तेमाल करना।

Qualcomm ने इस दिशा में सहयोग की पेशकश की है। कंपनी चाहती है कि भारत में न केवल AI सॉफ्टवेयर बने बल्कि हार्डवेयर भी स्थानीय स्तर पर विकसित किया जाए।

इससे देश के लाखों युवाओं को नई नौकरियों के अवसर मिल सकते हैं, साथ ही विदेशी निवेश में भी वृद्धि होगी।


वैश्विक संदर्भ में मुलाकात का महत्व

यह बैठक ऐसे समय में हुई जब पूरी दुनिया में तकनीकी प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।

अमेरिका और चीन के बीच चल रही तकनीकी जंग ने सेमीकंडक्टर उद्योग को नई दिशा दे दी है।

भारत के लिए यह सही समय है कि वह खुद को एक भरोसेमंद और लोकतांत्रिक वैकल्पिक केंद्र के रूप में प्रस्तुत करे।

Qualcomm जैसी कंपनियाँ अब एशिया में नए उत्पादन और अनुसंधान ठिकानों की तलाश में हैं, और भारत उन्हें स्थिर वातावरण और कुशल जनशक्ति दोनों प्रदान कर सकता है।


प्रधानमंत्री की दृष्टि और Qualcomm की रणनीति

मोदी ने हमेशा तकनीक को “जनकल्याण का माध्यम” बताया है।

उन्होंने कहा है कि नई तकनीक केवल उद्योग को नहीं बल्कि समाज को भी बदल सकती है।

इस दृष्टि से, Qualcomm के साथ यह सहयोग सिर्फ व्यापारिक नहीं बल्कि विकासात्मक भी है।

अमोन ने प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाया कि Qualcomm भारत के डिजिटल और AI लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में सक्रिय भागीदार बनेगी।

बैठक के बाद Qualcomm के प्रतिनिधियों ने यह भी संकेत दिया कि कंपनी भारत में अपने मौजूदा निवेश को और बढ़ाने पर विचार कर रही है।

इसके तहत नए R&D केंद्र, AI प्रयोगशालाएँ और चिप डिजाइन टीमों को भारत में स्थापित किया जा सकता है।


भविष्य की राह

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस मुलाकात के परिणाम आने वाले महीनों में देखने को मिलेंगे।

AI नीति, निवेश प्रोत्साहन और शिक्षा में तकनीकी प्रशिक्षण जैसे मुद्दों पर सरकार जल्द नए कदम उठा सकती है।

यदि Qualcomm जैसी बड़ी कंपनियाँ भारत में उत्पादन इकाइयाँ खोलती हैं तो यह देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता के लिए ऐतिहासिक बदलाव होगा।

इस बैठक ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत अब केवल तकनीक का उपभोक्ता नहीं बल्कि निर्माता और नवप्रवर्तक बनना चाहता है।

AI और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत और Qualcomm की साझेदारी आने वाले समय में वैश्विक तकनीकी संतुलन को बदल सकती है।