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सोने की कीमत ने बनाया नया रिकॉर्ड: निवेशकों के लिए मौका या खतरा?

byaditya18h agoव्यापार
सोने की कीमत ने बनाया नया रिकॉर्ड: निवेशकों के लिए मौका या खतरा?

सोने का जिक्र आते ही भारतीय घरों में एक चमक सी दौड़ जाती है। पर इस बार यह सिर्फ शादी-ब्याह या त्योहार की खरीदारी तक सीमित नहीं है। दुनिया भर की आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों के बीच सोने ने ऐसा उछाल मारा है कि कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी हैं। सवाल यह है कि क्या यह निवेशकों के लिए सुनहरा मौका है या कहीं यह चमक खतरनाक साबित न हो जाए?

वैश्विक हालात और फेडरल रिजर्व का दबाव

अमेरिकी अर्थव्यवस्था फिलहाल मंदी की आशंका से जूझ रही है। वहां ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। फेडरल रिजर्व की नीतियों का असर सीधे सोने पर पड़ा है। डॉलर में कमजोरी और सुरक्षित निवेश की तलाश ने सोने को ऊंचाई पर पहुंचा दिया। एक अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक ने साफ कहा, “जब भी दुनिया डर के माहौल में होती है, सोना निवेशकों का पहला ठिकाना बनता है।”

भारत में क्या असर?

भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता है। ऐसे में कीमतों का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना सीधे आम लोगों की जेब पर असर डाल रहा है। त्योहारों के मौसम में जहां लोग पारंपरिक रूप से xसोना खरीदते हैं, वहीं इस बार कई परिवारों को सोचना पड़ रहा है कि क्या निवेश को टाल दिया जाए।

दिल्ली की रहने वाली गृहिणी रेखा शर्मा ने कहा, “हर साल दशहरे और दिवाली पर हम सोने का छोटा सा टुकड़ा खरीदते हैं। इस बार दाम देखकर हिम्मत ही नहीं हो रही।”

शेयर बाजार से ज्यादा रिटर्न

हाल ही में वायरल हुए एक पोस्ट में फाइनेंस एनालिस्ट अक्षत श्रीवास्तव ने साफ लिखा कि पिछले सालों में सोने ने शेयर बाजार से भी ज्यादा रिटर्न दिए हैं। जहां निवेशक शेयरों में उतार-चढ़ाव से परेशान हैं, वहीं सोना लगातार स्थिर और बढ़ते मुनाफे का अहसास करा रहा है।

लेकिन यह तस्वीर का सिर्फ एक पहलू है। शेयर बाजार जोखिम भरा जरूर है, पर लंबी अवधि में उसने कई बार सोने को पीछे छोड़ा है। यही वजह है कि विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि केवल सोने पर दांव लगाना समझदारी नहीं होगी।

चांदी भी पीछे नहीं

सोने की चमक के साथ चांदी भी इस दौड़ में शामिल हो गई है। दशहरे से पहले चांदी के दाम भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। उद्योग जगत का मानना है कि चांदी की मांग आने वाले महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों और सोलर पैनलों के चलते और बढ़ेगी। इसका मतलब यह हुआ कि निवेशक अगर सोने की ऊंची कीमतों से घबरा रहे हैं, तो चांदी उनके लिए विकल्प बन सकती है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

बाजार जानकारों की मानें तो फिलहाल निवेशकों को जल्दबाजी में बड़ा फैसला लेने से बचना चाहिए। एसबीआई के एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री ने कहा, “सोना सुरक्षित निवेश जरूर है, लेकिन हर चमक सोना नहीं होती। निवेशक को अपनी बचत को संतुलित करना चाहिए। थोड़ा सोना, थोड़ा इक्विटी और थोड़ा अन्य एसेट्स रखना ही समझदारी है।”

भविष्य की तस्वीर

भारत में महंगाई पहले ही आम लोगों की परेशानी बढ़ा रही है। अगर सोने की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं, तो इसका असर गहनों की बिक्री पर ही नहीं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के कई हिस्सों पर दिख सकता है। आयात बढ़ने से रुपया दबाव में आ सकता है और चालू खाते का घाटा भी बढ़ सकता है।

वहीं, दूसरी तरफ जो निवेशक सोने में पहले से पैसा लगा चुके हैं, उनके लिए यह मौका मुनाफा बुक करने का भी हो सकता है।

निष्कर्ष

सोना फिलहाल चमक रहा है, लेकिन हर चमक हमेशा के लिए नहीं रहती। त्योहारी सीजन में आम लोग भले ही कम खरीदारी करें, लेकिन निवेशकों के लिए यह समय ठंडे दिमाग से सोचने का है। सोने की दौड़ लंबी है, और इसमें शामिल होना या न होना, यही असली सवाल है।

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